Tuesday, 24 December 2019

Kagaz ka bawal

उन्हें कागज़ दिखाने में बड़ी दिक्कत है,
बम कही फटे या गोली कहीं चले, तो मोमबत्ती जरूर जलाएंगे  दिखाएंगे।  
पर कागज़ नहीं दिखाएंगे। 

कभी किसी भी चौक पर खड़ी बस को मन मर्ज़ी से जलाएंगे,
पर कागज़ नहीं दिखाएंगे। 

जिनका खून शामिल यहाँ की मिटटी में, उन्हींके खून की बोली हम लगाएंगे ,
पर कागज़ नहीं दिखाएंगे।

जहाँ दिखे मौका अपनी सस्ती कविताएँ सुनाएंगे,
पर कागज़ नहीं दिखाएंगे। 

जहाँ बट रहा हो फ्री में घऱ , सिलिण्डर या रॉशन ,
हम सबसे पहले अपनी ज़रूरत  लहराएंगे ,
पर कागज़ नहीं दिखायेंगे। 

इंग्लैंड , अमरिका और कनाडा में भले ही धक्के खाएंगे,
वहां गिड़ गिड़ाकर कागज़ सही दिखाएंगे ,
पर देश में अपने , कारण सौ बताएँगे,
पर कागज़ नहीं दिखायेंगे। 

अपने चरित्र के अनंत विस्तार की अपार संभावना को ठेंगा हम दिखाएंगे,
कागज़ दिखा के आगे बढ़ना तो मुमकिन है लेकिन,
काम इतनी आसानी से होता देख, जुल्म जुल्म हम चिलायेंगे,
पर कागज़ नहीं दिखाएंगे।

No comments:

Post a Comment