Monday 8 August 2016

ना हम बच्चे ना वो बच्चे

क्या उनकी बेवफाई के किस्से और क्या हमारी वफाओ के चर्चे,
ना वो सच्चे, ना हम सच्चे। 

नजरें मिली उनसे तो ठीक ही किया पर्दा उसने,
ना वो अच्छे, ना हम अच्छे।

ये माना  शाकी-फ़रीक़ थे हम और मशकोक थे हमारी मोह्हब्बत के चर्चे,
मगर मसला अब ये था की पलक न वो झपकें ना हम झपकें।

कुछ उनकी भी मजबूरियां थी, कुछ हमारे भी मसाइल थे,
ना वो बच्चे, ना हम बच्चे। 



शाकी-फ़रीक़ - Aggrieved Party/Person
मशकोक - Problematic