Thursday 12 April 2012

Jungle ke saathi... First Poem for Svara

जंगल के है ये सब साथी,
चुनमुन चिड़िया, गोलू हाथी.
 
सर्दी के मौसम में जब सबको ठण्ड सताती है, 
बिल्ली मौसी अपने घर से चाय बनके लाती है.
 
गर्मी में जब सूरज चाचू, इनको मजा चखाते है,
प्यारे प्यारे बन्दर मामा, कुलर पंखे लगवाते है.
 
बारिश की बूंदों को जब बदल भर भर लाते है,
सभी जानवर अपने सिर पर छाता फिट करवाते है.
 
कहा जनवरी, कहा फरवरी, जंगल में टिक पाता है,
इन साथियो की मस्ती में दिन जल्दी ढल जाता है.
 
एक दिन तुम भी छुट्टी लेके इनके जंगल में जाना,
ढूध बतासे, दही जलेबी इनके संग में खाना.